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Thursday, April 29, 2021

Irrfan Khan Death Anniversary: इन पंद्रह डायलॉग नेे इरफान खान को बनाया फिल्मी दुनिया का जादूगार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता इरफान खान को अपने बेबाक अंदाज और शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है। लेकिन अब वो इस दुनिया में नहीं पर उनके अभिनय की वो जादू आज भी मौजूद है, जिसके लाखों लोग दीवाने हैं। इरफान खान का निधन 29 अप्रैल साल 2020 में न्यूरोएंडोक्राइम ट्यूमर से लंबी लड़ाई के बाद हो गया। उन्होंने महज 54 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

अब उनके निधन को एक साल पूरा हो गया है। इस मौके पर उनके फैंस याद कर उनकी छोटी-छोटी वीडियो क्लिप शेयर कर उन्हें याद कर रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं। आइए इस मौके पर जानते हैं उनके फेमस डायलॉग के बारें में..।

‘पान सिंह तोमर’

साल साल 2015 में आई फिल्म पान सिंह तोमर का ये डायलॉग ‘बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में’ इस फिल्म में उन्होंने एक आर्मी मैन का किरदार निभाया है। जो सेवानिवृत होने के बाद हथियार उठा लेता है। इस फिल्म का ये डायलॉग आम लोगों को काफी पसंद आता है।

‘गुंडे’

रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर द्वारा अभिनीत फिल्म गुंडे में उन्होंने एक पुलिस आधिकारी की भूमिका निभाई है। फिल्म में उनका डायलॉग पिस्तौल की गोली और लौंडिया की बोली जब चलती है, तो जान दोनों में ही खतरे हैं होती है।’

‘हिन्दी मीडियम’

फिल्म हिन्दी मीडियम का ‘ये डायलॉग एक फ्रांस बंदा, जर्मन बंदा स्पीक रॉन्ग इंग्लिश, वी नो प्रॉब्लम, एक इंडियन बंद ये रॉन्ग इंग्लिश, बंदा ही बेकार हो जाता है जी।’ फिल्म में अभिनेता का ये डायलॉग लोगों को काफी मोटिवेट करता है।

‘मदारी’

सिस्टम और सरकार की पोल खोलती इस फिल्म में इरफान खान ने गजब की एक्टिंग की है। इस फिल्म का डायलॉग ‘तुम मेरी दुनिया छीनोगें, मैं तुम्हारी दुनिया में घुस जाऊंगा।’ ये डायलॉग लोगों की जुबान पर आज रहता है।

‘ये साली जिंदगी’

दिवंगत अभिनेता इरफान खान की फिल्म ये साली जिंदगी का डायलॉग लोग सुनेंग तो क्या कहेंगे, ‘..आशिकी के चक्कर में मर गया और लौंडिया भी नहीं मिली।’ अभिनेता के इस डायलॉग को युवा काफी पसंद करते हैं।

‘तलवार’

बहुचर्चित तलवार मर्डर केस पर बनी फिल्म तलवार का ये डायलॉग ‘किसी भी बेगुनाह को सजा मिलने से अच्छा है दस गुनहगार छूट जाए।’ अभिनेता के डायलॉग मीडिया में काफी सुर्खिया बटोरी थीं।

‘हासिल’

साल 2003 में छात्र राजनीति पर बनी फिल्म हासिल का ये डायलॉग भी राजनीति में काफी फेमस है और अक्सर छात्रसंघ चुनावों में सुनने को मिलता रहता है। ‘और जान से मान देना बेटा, हम रह गए ना मारने में देर नहीं लगाएंगें, भगवान कसम।’ इस फिल्म में अपने किरदार के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।

‘हैदर’

शाहिद कपूर की फिल्म हैदर में इरफान खान का डायलॉग ‘आप जिस्म हैं तो मैं रूह, आप फानी में लफानी’

‘लाइफ इन मेट्रो’

‘ये शहर हमें जितना देता है, बदेल में कहीं ज्यादा हमसे ले लेता है।’

‘पीकू’

अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण की इस शानदार फिल्म में इरफान खान ने भी शानदार किरदार निभाया है। फिल्म में उनका डायलॉग ‘डेथ और शिट, किसी को, कहीं भी, कभी भी आ सकती है।’

‘द लंच बॉक्स’

‘आई थिंक वी फॉरगेट थिंग्स इफ देयर इज नो बडी टू टेल देम।’

‘द किलर’

फिल्म द किलर का ये डायलॉग ‘बडे शहरों की हवा और छोटे शहरों का पानी, बड़ा खतरनाक होता है।’ अभिनेता के इस डायलॉग को लोगों अक्सर बोलते हुए मिलता हैं।

‘डी-डे’

फिल्म डी-डे का ये डायलॉग ‘गलतियां भी रिश्तों की तरह होती हैं, करनी नहीं पड़ती हो जाती हैं।’ अभिनेता का ये डायलॉग न्यू कपल के बीच काफी चर्चित हैं।

‘मदाराई’

फिल्म मदाराई का ये डायलॉग लकीरें बहुत अजीब होती हैं, ‘खाल पर खींच जांए तो खून निकाल देती है और जमीन पर खींच जाएं तो सरहदें बना देती हैं।’

‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’

‘हमें मोहब्बत है इसलिए जाने दिया, जिद होती तो बाहों में होती’ उनका ये डायलॉग खास कर युवाओं में काफी फेसम हैं।

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