नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस और चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर (Kirron Kher) को मल्टिपल मायलोमा की बीमारी (Multiple Myeloma) डायग्नोज हुई है. यह एक तरह का ब्लड कैंसर (Blood Cancer) है. किरण के पति और एक्टर अनुपम खेर ने इस बारे में सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी. खेर ने बताया कि मुंबई के एक अस्पताल में किरण का इलाज चल रहा है. मल्टिपल मायलोमा क्या है, किन वजहों से होती है यह बीमारी, इसके रिस्क फैक्टर्स क्या हैं और किन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए इस बारे में यहां पढ़ें.
क्या है मल्टिपल मायलोमा?
अमेरिकन मेडिकल सेंटर mayoclinic की एक रिपोर्ट की मानें तो मल्टिपल मायलोमा एक तरह का कैंसर है जो प्लाज्मा सेल्स (Plasma Cells) में होता है. प्लाज्मा सेल्स एक तरह की सफेद रक्त कोशिकाएं (white blood cell) हैं जो खून में मौजूद होती हैं. हेल्दी प्लाज्मा सेल्स, एंटीबॉडीज का निर्माण करती हैं ताकि कीटाणुओं की पहचान कर इंफेक्शन से लड़ने में शरीर की मदद की जा सके. लेकिन मल्टिपल मायलोमा में कैंसरकारी प्लाज्मा सेल्स बोन मैरो (Bone Marrow) में जमा होने लगते हैं और स्वस्थ ब्लड सेल्स को बाहर कर देते हैं. ये कैंसर सेल्स असामान्य प्रोटीन का भी निर्माण करते हैं जिसकी वजह से शरीर में कई तरह की जटिलताएं हो सकती हैं.
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मल्टिपल मायलोमा के लक्षण
- हड्डियों में दर्द खासकर रीढ़ की हड्डी और चेस्ट के आसपास
- जी मिचलाना
- भूख न लगना और बहुत अधिक वजन कम होना
- मानसिक रूप से भ्रम की स्थिति बने रहना
- हर वक्त बहुत अधिक थकान महसूस होना
- बार-बार इंफेक्शन होना
- पैरों में कमजोरी या सुन्नता महसूस होना
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मल्टिपल मायलोमा के रिस्क फैक्टर्स
मल्टिपल मायलोमा किस वजह से होता है (Causes of Disease) इस बारे में डॉक्टरों के पास भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. यह बोन मैरो में मौजूद प्लाज्मा सेल्स में से किसी एक असामान्य प्लाज्मा सेल में शुरू होता है और फिर तेजी से बढ़ने लगता है. रिस्क फैक्टर्स यानी जोखिम कारक जिनकी वजह से इस तरह के कैंसर का खतरा अधिक होता है, वे हैं:
-जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है (Ageing) इस बीमारी का खतरा अधिक होता है. आमतौर पर 50 से 60 साल के बीच के लोगों में यह बीमारी ज्यादा डायग्नोज होती है.
-महिलाओं की तुलना में पुरुषों में (Men at more risk) मल्टिपल मायलोमा के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं.
-अगर माता-पिता या भाई-बहन में से किसी को मल्टिपल मायलोमा हो तो उस व्यक्ति को भी इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है.
-अगर किसी व्यक्ति को प्लाज्मा सेल से जुड़ी बीमारी MGUS से हो तो उसे भी मल्टिपल मायलोमा कैंसर का खतरा अधिक होता है.
इम्यूनोथेरेपी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट- ये कुछ अलग-अलग तरीके हैं जिनकी मदद से मल्टिपल मायलोमा का इलाज किया जाता है.
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(नोट: हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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Kirron Kher Cancer: किरण खेर को है मल्टिपल मायलोमा, बीमारी से जुड़े कारण और रिस्क फैक्टर्स के बारे में जाने... - Zee News Hindi
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