- मधु पाल
- बीबीसी हिंदी के लिए, मुंबई से
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बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार का बुधवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया.
वे 98 साल के थे. दिलीप कुमार के निधन की ख़बर से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर है.
फ़िल्मी दुनिया के कई कलाकार सोशल मीडिया के ज़रिये अपना दुःख ज़ाहिर कर रहे हैं. कलाकार ही नहीं बल्कि एक आम इंसान के तौर पर भी दिलीप कुमार का बॉलीवुड के दूसरे कलकारों के साथ ख़ास रिश्ता था.
जाने-माने अभिनेता धर्मेंद्र ने बीबीसी हिन्दी से दिलीप कुमार को याद करते हुए कहा, "दिलीप साहब को पहली बार स्क्रीन पर देखते ही ऐसा महसूस हुआ जैसे वो मेरे भाई हैं. उनसे मिलने के लिए मेरे दिल में एक तड़प थी.
''अक्सर इस कोशिश में रहता था कि उनसे कब मिलूं. जब पहली बार मुलाक़ात हुई तब मैंने उनसे कहा था कि हम पैदा तो दो माँ की कोख से हुए हैं लेकिन मुझे लगता है हम भाई हैं. ये सुनने के बाद उन्होंने मुझे अपने सीने से लगाकर कहा हाँ, धरम हम भाई ही हैं."
'ये स्वेटर मैं आपको कभी वापस नहीं करूँगा'

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धर्मेंद्र ने बीबीसी हिंदी के साथ बातचीत में बताया है, "जब मुंबई अभिनेता बनने आया तब मेरी एक ही इच्छा थी कि दिलीप साहब से एक मुलाक़ात हो जाए. तब एलपी राव एक संपादक थे. एक दिन किसी जगह पर उन्होंने मुझे कहा कि तुम्हें पता है ये जो महिला यहाँ खड़ी हैं वो कौन है? मैंने पूछा कौन हैं? तब उन्होंने बताया कि ये दिलीप साहब की बहन हैं. इनका नाम फ़रीदा है."
"ये सुनने के बाद मुझे लगा कि मैं कब इनसे कहूँ कि मुझे दिलीप साहब से एक बार मिला दें. मैं अपनी हिचक मिटाते हुए उनके पास गया और कहा कि मैं दिलीप साहब का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ. मुझे बस एक बार उनसे मिला दीजिए. तब उन्होंने मुझसे कहा कि कल शाम 8.30 बजे आ जाइए."
"अगले दिन मुझसे इंतज़ार ही नहीं हो रहा था. मुझे लग रहा था कि ये शाम कब होगी? कब मैं उनसे मुलाक़ात करूँगा. ये 1960 की बात है. शाम को उनके घर गया. उन दिनों शाम को मुंबई के पाली हिल इलाके में ठंड हो जाया करती थी. जल्दबाज़ी और मिलने की ख़ुशी में मैं स्वेटर पहनना भूल गया था. मिलने के बाद उन्होंने मुझे अपना एक स्वेटर लाकर दिया और कहा ये पहन लो."
"मैंने पहना और कहा मैं आपको ये स्वेटर कभी वापस नहीं दूंगा. उन्होंने ये सुनने के बाद कहा ज़रूर रख लो इसे. इसके बाद तो फिर वो ईद हो या उनका जन्मदिन हो मैं उनके घर अक्सर जाया करता था."
'मीडिया ने कहा- मैं दिलीप कुमार की कॉपी करता हूँ'

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अपने ज़माने के भारत कुमार कहे जाने वाले अभिनेता मनोज कुमार दिलीप कुमार को याद करते हुए कहते हैं, "मैंने अपनी ज़िंदगी की सबसे पहली फ़िल्म दिलीप साहब की देखी थी और उनका फ़ैन हो गया था. बाद में जब फ़िल्मों में काम करने लगा तो मीडिया में कुछ लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि मैं दिलीप साहब की कॉपी करता हूँ. ये बात आज भी लोग कहते हैं तो मुझे बुरा नहीं लगता."
"मेरी ज़िंदगी में वो दिन भी आया जब मैं निर्देशक और निर्माता बना और दिलीप साहब के साथ फ़िल्म क्रांति में बतौर निर्देशक और अभिनेता काम किया. एक बात मैं ज़रूर कहूंगा कि शूटिंग के दौरान उन्होंने इस बात का ज़रा भी महसूस नहीं होने दिया कि तुम मेरी फ़िल्म देख अभिनेता बने. फ़िल्मों में आए और मुझे तेरी बात सुननी पड़ेगी और मैं उनसे कहता था दिलीप साहब ये सीन कर दीजिये. उन्होंने कभी उफ़ तक नहीं की."
'हँसना और रोना इस मैदान में दिलीप कुमार से बहुत कुछ सीखा'
दिवंगत अभिनेता कादर ख़ान भी दिलीप कुमार के मुरीद थे. वो अक्सर दिलीप कुमार की तारीफ़ में कहा करते थे, "मर्द का मुस्कुराना और मर्द का रोना, ये दो बहुत लाजवाब चीज़ें हैं. मर्द रोता हुआ अच्छा नहीं लगता और मर्द हँसता हुआ भी अच्छा नहीं लगता अगर वो ढंग से ना हँसे तो. दिलीप साहब ने ये दोनों ही चीज़ें ऐसे बताई कि लोग दीवाने हो गए उनके. आगे चलकर इसी को अपनाकर अमिताभ बच्चन आगे बढ़े."

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अभिनेता कमल हासन ने एक बार इंटरव्यू में कहा था, "मुझे शिवाजी गणेशन साहब के अलावा अगर किसी ने एक्टिंग सिखाई है तो वो यूसुफ़ साहब ही हैं. मैं अब भी उनकी एक्टिंग देखकर चकित रह जाता हूँ कि कोई इंसान ऐसा कैसे कर लेता है."
दिलीप कुमार को याद करते हुए अभिनेता रणबीर कपूर कहते हैं, "मैं अपनी दादी और पिता से अक्सर ये क़िस्सा सुनता आया था कि उस दौर में अभिनेताओं के बीच बहुत प्रेम हुआ करता था. वो सब एक दूसरे के फ़िल्म प्रीमियर में जाया करते थे. मुझे नहीं लगता कि आज के ज़माने में कलाकारों के बीच इतना भाईचारा है."
"दिलीप साहब और राज साहब की दोस्ती की कई तस्वीरें आज भी मेरे मोबाइल में हैं. मैंने एक डॉक्यूमेंट्री देखी थी जिसमें सब एक साथ रूस गए थे. समकालीन कलाकार होने के बावजूद भी उनमें बहुत प्यार था. एक दूसरे के लिए बहुत इज़्ज़त थी. कभी एक दूसरे के लिए ईर्ष्या की भावना नहीं थी. एक साल राज साहब बहुत बड़ी हिट फ़िल्म देते थे तो एक साल दिलीप कुमार साहब और देवानंद साहब."

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'तीन-तीन फ़िल्में करने का मौक़ा मिला'
अभिनेता अनिल कपूर दिलीप कुमार को याद करते हुए कहते हैं, "मैं अपने आपको बहुत ख़ुशनसीब मानता हूँ कि मैं वो अभिनेता हूँ जिसे दिलीप साहब के साथ तीन-तीन फ़िल्में करने का मौक़ा मिला. पहली शक्ति, जिसमें मैं तीसरा हीरो था, बहुत छोटा रोल था. उसके बाद मशाल और फिर कर्मा."
"दिलीप साहब के साथ राज कपूर साहब ने एक फ़िल्म की, अमिताभ बच्चन ने एक फिल्म की लेकिन किस्मत ने मुझे उनके साथ तीन-तीन फ़िल्म करने का मौक़ा दिया. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा. वो हमेशा मेरे गुरु रहेंगे."
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