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Tuesday, April 26, 2022

पैसे बचाने के लिए बस में कॉलेज जाते थे Shahid Kapoor, मुंबई के स्कूल से थी नफरत, बोले- बच्चों ने किया परेशान - Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स

  • शाहिद को स्कूल में बच्चों ने किया परेशान
  • टीचर भी नहीं करते थे अच्छा व्यवहार
  • बस में जाते थे कॉलेज

शाहिद कपूर इन दिनों अपनी फिल्म जर्सी के प्रमोशन में बिजी हैं. जर्सी, 22 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इस फिल्म से जितनी उम्मीद की जा रही थी इसका बॉक्स ऑफिस पर परफॉरमेंस उससे काफी खराब जा रहा है. लेकिन फिल्म में शाहिद और उनकी हीरोइन मृणाल ठाकुर के काम को खूब सराहा जा रहा है. इस बीच शाहिद ने अपने नए इंटरव्यू में अपने स्कूल के दिनों को याद किया है.

शाहिद को स्कूल में बच्चों ने किया परेशान

मुंबई में अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए शाहिद कपूर ने बताया कि कैसे बच्चे उन्हें परेशान किया करते थे. शाहिद ने बताया कि बच्चों के छेड़ने पर वह कैसे जवाब उन्हें दिया करते थे. साथ ही वह किसी के डराने से कभी डरे नहीं, ना ही पीछे हटे. शाहिद कपूर, एक्टर पंकज कपूर और एक्ट्रेस नीलिमा आजिम के बेटे हैं. उन्होंने नई दिल्ली के ज्ञान भारती स्कूल से अपनी पढ़ाई की थी. 10 साल की उम्र में शाहिद मुंबई शिफ्ट हो गए थे. इसके बाद उन्होंने मुंबई के राजहंस विद्यालय में पढ़ाई की. 

कर्ली टेल्स के साथ एक इंटरव्यू में अपने स्कूल के दिनों को लेकर शाहिद कपूर ने बात की. उन्होंने कहा, ''मुझे बॉम्बे के अपने स्कूल से नफरत थी. मुझे बुली किया गया था और मेरे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया था. वहां के टीचर्स भी मेरे साथ अच्छे से पेश नहीं आते थे. माफ करना लेकिन यह सच है. मुझे दिल्ली के अपने स्कूल से प्यार था, क्योंकि मैं वहां जूनियर केजी से पढ़ रहा था और मेरे ढेरों दोस्त थे. तो दिल्ली की मेरी यादें बहुत अच्छी हैं. लेकिन बॉम्बे के स्कूल की यादें अच्छी नहीं हैं. बॉम्बे में मेरा कॉलेज काफी अच्छा था. मैंने वहां काफी मस्ती की. मैं मीठीबाई कॉलेज में था. लेकिन स्कूलिंग अच्छी नहीं थी.''

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टीचर भी नहीं करते थे अच्छा व्यवहार

ऐसे में शाहिद कपूर से पूछा गया कि मुंबई और दिल्ली के बच्चों में क्या फर्क था. इसपर उन्होंने जवाब दिया, ''कोई फर्क नहीं है. मुझे लगता है कि जब बच्चे स्कूल ज्वॉइन करता है, कोई बच्चा बीच टर्म में आता है और वो सभी बच्चे छोटी उम्र से साथ होते हैं, तो वो बच्चा एक तरह से आउटसाइडर बन जाता है.''

उन्होंने आगे कहा, 'और क्योंकि मैं दिल्ली से था तो मुझे 'दिल्ली का लड़का' कहा जाता था. मैं भी पीछे नहीं हटाता था. तो जब भी मुझे कहा जाता था 'तू हट जा', मैं कहता था 'तू क्या समझता है? मैं क्यों हटूं. तू जनता नहीं मैं कौन हूं.' शाहिद ने यह भी बताया कि वह कॉलेज में काफी पॉपुलर थे, लेकिन काफी शर्मीले भी थे.

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कॉलेज में ऐसे बचाते थे पैसे

शाहिद ने यह भी बताया कि वह कॉलेज के दिनों में कैसे बजट बनाया करते थे. उन्होंने कहा कि जिन दिनों में उनके पास सिर्फ 20 रुपये होते और वादा पाव खाने और कोल्ड ड्रिंक पीने का मन करता तो वह बस से ट्रैवल किया करते थे. जब वह थके हुए होते थे तो रिक्शा से कॉलेज जाते थे और कुछ अच्छा नहीं खा पाते थे. उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा सिक्का उछालकर फैसला करना पड़ता था कि क्या करना है.

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