मुंबईएक घंटा पहलेलेखक: शशांक मणि पाण्डेय
लाल सिंह चड्ढा और रक्षा बंधन बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई हैं। 6 दिन में भी फिल्म 50 करोड़ का कलेक्शन नहीं कर पाई। अक्षय की रक्षा बंधन का भी ये ही हाल है। 6 दिन में 40 करोड़ की कमाई तक भी नहीं पहुंच पाई है। #Boycott का इन फिल्मों पर जो असर पड़ा है, वो तो अपनी जगह है ही लेकिन अब बॉलीवुड फिल्मों के सब्जेक्ट सिलेक्शन से लेकर फिल्म प्रमोशन तक सभी बातों पर उंगलियां उठ रही हैं।
बॉलीवुड सदमे में है और इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि दर्शकों को थिएटर्स तक लाने के लिए क्या किया जाए। दैनिक भास्कर ने बॉलीवुड क्रिटिक्स, ट्रेड एक्सपर्ट्स और एग्जिबिटर्स तरण आदर्श, कोमल नाहटा और अतुल मोहन से बात करके ये जानने की कोशिश की कि आखिर बॉलीवुड कहां चूक रहा है। बड़े बजट और बड़े स्टार्स की फिल्में भी क्यों कमाल नहीं दिखा पा रही हैं।
पहले फायदे का सौदा थी, अब नकारी जा रहीं रीमेक
साल 2003 में आई सलमान खान स्टारर तेरे नाम से बॉलीवुड में रीमेक ने एक नया दौर शुरु किया। हालांकि 60-70 के दशक से ही साउथ की फिल्मों की हिंदी रीमेक बनती रही हैं। लेकिन पिछले 2-3 सालों में ये ट्रेंड बहुत बढ़ा है। इसी दौरान साउथ की फिल्में भी हिंदी भाषा में डब हो कर रिलीज हो रही हैं, इसीलिए बॉलीवुड की फिल्में पिट रही हैं।
लाल सिंह चड्ढा का फ्लॉप होना बॉलीवुड के लिए रेड: रीमेक, कंट्रोवर्सी और टैबू सब्जेक्ट के कारण पिटीं फिल्में,... - Dainik Bhaskar
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