Zee5 पर रकुल प्रीत सिंह की फिल्म 'छतरीवाली' रिलीज हो चुकी है. 'छतरीवाली' देखने के बाद दिमाग में पहला शब्द यही आया, 'नाम बड़े और दर्शन छोटे'. ऐसा कहने की एक नहीं, बल्कि कई वजहें हैं. 'छतरीवाली' पर बात करने से पहले आपको थोड़ा फ्लैश बैक में ले चलते हैं. पिछले साल नुसरत भरुचा सेफ सेक्स पर एक फिल्म लेकर आई थीं. फिल्म का नाम 'जनहित में जारी' था. अगर आपने 'जनहित में जारी' देखी है, तो फिर 'छतरीवाली' की कहानी समझने में ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ेगा.
सेफ सेक्स-सेक्स एजुकेशन पर बात करती है फिल्म
'छतरीवाली' की कहानी सेफ सेक्स और सेक्स एजुकेशन बेस्ड है. फिल्म की लीड एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह हैं, जो फिल्म में सान्या ढींगरा के रोल में नजर आती हैं. 'छतरीवाली' की शुरुआत होती है सान्या ढींगरा (रकुल प्रीत सिंह) की केमिस्ट्री से. सान्या करनाल में रहने वाली एक साधारण लड़की है, जिसे केमिस्ट्री की काफी अच्छी नॉलेज है. वो घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपना घर चलाती है. सान्या को नौकरी की तलाश है. एक दिन उसकी तलाश खत्म होती है. सान्या को उसकी मुंह मांग सैलरी पर कंडोम फैक्ट्री में जॉब मिल जाती है.
सान्या की जिंदगी बदलती है. इस बीच एंट्री होती है ऋषि कालरा (सुमित व्यास) की. ऋषि, सानया को प्यार होता और दोनों शादी कर लेते हैं. पर सान्या, ऋषि को ये नहीं बताती कि वो कंडोम फैक्ट्री में काम करती है. सान्या जॉब छोड़ने वाली होती है, तभी उसे अपनी जेठानी के अबॉर्शन और मिसकैरेज के बारे में पता चलता है. यहां से सानया ठानती है कि वो लोगों के बीच कंडोम की जागरुकता फैलाएगी. हालांकि, उसके लिए ये सब आसान नहीं है. क्या सानया अपने परिवार के खिलाफ जाकर लोगों कंडोम का इस्तेमाल करने के लिए जागरुक कर पाएगी? क्या होता है जब सानया के पति को उसकी जॉब की हकीकत पता चलती है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
जनहित में जारी की कॉपी है 'छतरीवाली'
2022 में रिलीज हुई नुसरत भरूचा की फिल्म 'जनहित में जारी' की कहानी भी सेफ सेक्स और कंडोम की जरूरत पर आधारित थी. ठीक सात महीने बाद अब 'छतरीवाली' भी इसी कहानी को रिपीट करती दिखी. 'जनहित में जारी' देखने वालों के लिए 'छतरीवाली' की स्टोरी बिल्कुल नई नहीं है. 'छतरीवाली' देखते हुए ऐसा महसूस हुआ कि हम 'जनहित में जारी' देख रहे हों. वही कहानी, वही मैसेज, यहां तक कि फिल्म के कई सीन भी नुसरत भरूचा की फिल्म के कॉपी लगे.
'छतरीवाली' देखते समय ऐसा लग रहा था कि यार हम एक ही फिल्म की कहानी को दोबारा क्यों देख रहे हैं. यकीन मानिए फिल्म का क्लाइमेक्स तक 'जनहित में जारी' के क्लाइमेक्स जैसा लगा. यूं समझ लीजिए स्टार कास्ट बदल कर पूरी की पूरी ही फिल्म 'जनहित में जारी' की कॉपी है.
एक्टिंग-डायरेक्शन नहीं है खास
'छतरीवाली' मल्टीस्टारर फिल्म है. रकुलप्रीत सिंह और सुमित व्यास फिल्म के लीड स्टार्स हैं. इसके अलावा सतिश कौशिक, डॉली अहलूवालिया, राजेश तैलंग और राकेश बेदी जैसे मंझे हुए कलाकार हैं. अपने रोल्स में ये सभी स्टार्स फिट बैठे. पर कहानी से हिसाब से अहम कलाकारों की एक्टिंग बहुत इंप्रेसिव नहीं है. वहीं फिल्म का डायरेक्शन तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने किया है. यहां फिर बात वहीं आ जाती है कि बोरिंग कहानी का डायरेक्शन भी कुछ खास नहीं लगता है.
क्यों देखें फिल्म
फिल्मी फैंस से हम यही कहेंगे कि फिल्म देखने की कोई खास वजह है नहीं. अगर आपने 'जनहित में जारी' नहीं देखी है, तो 'छतरीवाली' देख सकते हैं. हां अगर रकुल प्रीत सिंह और सुमित व्यास के फैन हैं, तो भी ये फिल्म देखी जा सकती.
क्यों ना देखें फिल्म
फिल्म लवर्स हमेशा ही अच्छी कहानी की तलाश में रहते हैं. इसलिए Zee5 की ये फिल्म आपको निराश करने वाली है. बात ये भी है कि जो लोग 'जनहित में जारी' देख चुके हैं. वो 'छतरीवाली' देख कर अपना टाइम क्यों वेस्ट करना चाहेंगे.
फिल्म के बारे में इतना कुछ बता दिया. बाकी फिल्म देखना ना देखना आपके ऊपर है.
Chhatriwali Movie Review:सेफ सेक्स के नाम पर पुरानी कहानी को भुनाने की नाकाम कोशिश है 'छतरीवाली' - Aaj Tak
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