Rechercher dans ce blog

Tuesday, March 28, 2023

ज़बान पर मेरे आया सत है - अमर उजाला

                
                                                                                 
                            ज़बान पर मेरे आया सत है,
                                                                                                
                                                     
                            
बैठ के सुनिए अगर फ़ुर्सत है।
ख़्वाब होता है हक़ीक़त से परे,
चश्म पर ज़ेर-ए-हिरासत है।
साफ़-गोई उसे पसंद नहीं,
हमको आती नहीं सियासत है।
तल्ख़ बातें भी सुनी जाती हैं,
अगर बयान में नफ़ासत है।
शोर करिए न कू-ए-जानाँ में,
मेरे दिलदार की रियासत है।
जब से देखा है बे-नक़ाब उसे,
जान पर आन पड़ी साँसत है।
मेरे कलाम का जो बाइस है,
उसी के नाम की वसीयत है।
बहस उससे नहीं करो 'गौतम',
जो भी महरूम-ए-फ़रासत है।
- डाॅ. कुँवर वीरेन्द्र विक्रम सिंह गौतम
- हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।

8 hours ago

Adblock test (Why?)


ज़बान पर मेरे आया सत है - अमर उजाला
Read More

No comments:

Post a Comment

OTT Release: एनिमल-कर्मा कॉलिंग... भौकाल मचा रही ये फिल्में-वेब सीरीज, वीकेंड का मजा होगा दोगुना - Aaj Tak

इस वीकेंड की लिस्ट के साथ हम तैयार हैं. अग लॉन्ग वीकेंड का मजा दोगुना करना चाहते हैं तो आप अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स और सोनी लिव के अलावा जी...