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Wednesday, July 26, 2023

मेरे अल्फाज - अमर उजाला

                
                                                                                 
                            कुछ वक़्त बदल रहा था,
                                                                                                
                                                     
                            
कुछ हवाएं बदल रही थी,
मै चुप खड़ा था अब भी उसके इंतजार मे,
पर अब वो अदायें बदल रही थी ।
उनकी ख़ामोशी बढ़ रही थी,
उनके अल्फाज लडखड़ा रहे थे,
शायद नही रहा किस्मत मे मिलना मुनासिफ
क्यों अब वो अपने बदल रहे थे।
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4 घंटे पहले

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