बचपन अच्छा था खुलकर दौड़ लेते थे
ए-जिंदगी अब तो संभल कर चलने में
ही तूने ज़्यादा गिराया है।
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8 hours ago
बचपन अच्छा था खुलकर दौड़ लेते थे - अमर उजाला
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