संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' थिएटर्स में लगातार माहौल बनाए हुए है. सिर्फ 10 दिन में वर्ल्डवाइड 700 करोड़ रुपये से ज्यादा ग्रॉस कलेक्शन कर चुकी 'एनिमल' अभी से साल की सबसे बड़ी हिट्स में से एक बन चुकी है. अब रणबीर फैन्स को इंतजार है कि रणबीर की फिल्म जल्दी से 'जवान' और 'पठान' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों की तरह 1000 करोड़ का आंकड़ा पार करेगी.
दूसरी तरफ एक बाद तबका 'एनिमल' की आलोचना भी कर रहा है. संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म को 'महिला विरोधी' बताते हुए फिल्म के कई सीन्स को गलत मैसेज देने वाला कहा जा रहा है. कहा जा रहा है कि 'एनिमल' महिलाओं के साथ गलत बर्ताव और टॉक्सिक मर्दवाद को बहुत शान से पेश कर रही है. अब फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने 'एनिमल' पर अपनी राय शेयर की है. अनुराग की मानें तो रणबीर की फिल्म कुछ तो अच्छा कर रही है.
किसी पर नहीं थोप सकते जिम्मेदारी
कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ओटीटी प्ले से बात करते हुए अनुराग ने कहा कि आप किसी पर भी जिम्मेदारी थोप नहीं सकते. या तो लोग खुद जिम्मेदार होते हैं या नहीं होते. अनुराग ने कहा, 'जिस फिल्म को आप फेमिनिस्ट मानते हैं उसे कितने लोगों ने जाकर देखा है? सिर्फ मुट्ठीभर लोग इन्हें देखते हैं और तय करते हैं कि ये रियल फेमिनिस्ट फिल्म है या सूडो-फेमिनिस्ट. 'एनिमल' जैसी फिल्म ने इस देश में, किसी भी फेमिनिस्ट फिल्म से ज्यादा फेमिनिस्टों को उत्तेजित किया है. इसने मिसोजिनी पर, किसी भी फिल्म से ज्यादा कन्वर्सेशन क्रिएट की है. तो मतलब ये कुछ अच्छा कर रही है.'
Advertisement
'एनिमल' की वजह से लोग सीख रहे फेमिनिज्म
अनुराग ने कहा कि रणबीर की फिल्म की वजह से बहुत लोग फेमिनिज्म सीख रहे हैं और इसलिए उकसावा एक अच्छी चीज है. उन्होंने आगे कहा, 'लोगों की समझ तक बात पहुंचाने के लिए आपको एक उकसावे की जरूरत होती है. 'एनिमल' और इसपर चल रही डिस्कशन ने ज्यादा लोगों को फेमिनिज्म सिखा दिया है. आप उकसाने वाले से क्यों डरते हैं? हम पढ़े लिखे समझदार लोग हैं. हम किसी ऐसे व्यक्ति से क्यों घबराते हैं जो हमें उकसाता है? मुझे लगता है कि उकसाया जाना एक अच्छी चीज है.'
अनुराग ने कहा कि बतौर फिल्ममेकर वो हमेशा ऐसी फिल्में बनाने की कोशिश करते हैं जो लोगों को अनअम्फर्टेबल करती हैं. उन्होंने बताया कि 'अग्ली' बनाते वक्त वो चाहते थे कि लोग वापस जाकर रात में सो न सकें.
अनुराग कश्यप ने कहा 'एनिमल' की वजह से बहुत लोग सीख गए फेमिनिज्म, 'उकसाया जाना अच्छी बात है' - Aaj Tak
Read More
No comments:
Post a Comment