70-80 के दशक की कई एक्ट्रेसेस फिल्म इंडस्ट्री में कमबैक कर रही हैं. इन्हीं में से एक शर्मिला टैगोर भी हैं. फिल्म 'गुलमोहर' से यह पर्दे पर वापसी कर रही हैं. पूरे 12 साल बाद शर्मिला टैगोर दर्शकों के बीच, एक्टिंग का हुनर दिखाती नजर आएंगी. इनकी आखिरी फिल्म साल 2010 में आई थी, नाम था 'ब्रेक के बाद'. अब लौटते हैं इनकी रीसेंट फिल्म पर तो इसमें मनोज बाजपेयी, शर्मिला के साथ लीड रोल प्ले करते नजर आएंगे. फिल्म 2 मार्च को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आ रही है.
आपको जानकार हैरानी होगी कि शर्मिला टैगोर पिछले पांच दशकों से फिल्म इंडस्ट्री का जाना- माना चेहरा रही हैं. वो बात अलग है कि इन्होंने 12 साल का लंबा गैप ले लिया, पर इनकी पॉपुलैरिटी कम नहीं हुई. शर्मिला टैगोर को स्क्रीन पर देखने के लिए आज भी फैन्स बेताब रहते हैं. शर्मिला टैगोर ने अपने करियर में कई फिल्में कीं. इसमें 'दाग' (1973), 'मौसम' (1975), 'चुपके- चुपके' (1975) और 'बेशरम' (1978) जैसी कुछ हिट फिल्में रहीं.
घर का किराया भरने के लिए फिल्में कीं
हाल ही में एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने अपने शुरुआत दौर को याद किया. शर्मिला टैगोर ने बताया कि जब उन्होंने फिल्में करनी शुरू की थीं तो सिर्फ पैसा कमाने के लिए उन्होंने ऐसा किया था. शर्मिला टैगोर ने कहा कि कई बार मैंने अपने करियर में फिल्में इसलिए साइन कीं, क्योंकि मुझे पैसा चाहिए था घर का किराया भरने के लिए. कई बार ऐसा भी हुआ, जब मुझे किसी दोस्त ने कहा कि तुम अगर इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनोगी तो हमें मदद मिल जाएगी. हां, आप फिल्मी दुनिया में भी फेवर्स करते हो. मेरे, फिल्म करने के पीछे कई वजहें रहीं हैं. जैसे कई बार मुझे स्क्रिप्ट्स अच्छी लगीं तो मैंने फिल्में कीं. उस समय की रिक्वायरमेंट थी. आज भी अगर मैं देखूं तो अगर मैं 12 साल बाद वापसी कर भी रही हूं तो मुझे स्क्रिप्ट पढ़कर लगा कि मैं 'कुसुम' के किरदार को ठीक तरह से निभा पाऊंगी और मुझे वापसी करनी चाहिए, इसलिए मैंने 'गुलमोहर' फिल्म की. बतौर प्रोफेशनल आपको कई चीजें करनी पड़ती हैं और मैं उन्हें समझती हूं.
शर्मिला ने क्यों की 12 साल बाद वापसी?
शर्मिला टैगोर का कहना है कि 'गुलमोहर' की 'कुसुम' बनकर उनका पर्दे पर वापस लौटना जरूरी था. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर शर्मिला टैगोर ने ऐसा क्यों कहा, तो हम आपको बता दें कि शर्मिला टैगोर अब कुछ अलग किरदारों को करना चाहती हैं. कोई भी स्टीरियोटिपिकल रोल शर्मिला नहीं करना चाहतीं. इस उम्र में अगर उन्हें केवल मां का रोल प्ले करने को मिलता है तो वह नहीं करेंगी. हां, 'गुलमोहर' में शर्मिला एक मां का ही रोल निभा रही हैं, लेकिन इसपर एक्ट्रेस का कहना है कि यह किरदार उन्होंने इसलिए चुना, क्योंकि मां के किरदार में कई सारी लेयर्स जुड़ी हैं, जिन्हें रियल लाइफ से लोग कनेक्ट कर सकते हैं.
शर्मिला ने कहा कि अब मेरे बच्चे और उनके भी बच्चे सेटल हो चुके हैं. जो मेरे ग्रैंड चिल्ड्रन छोटे हैं, उनपर बहुत ध्यान दिया जाता है. और मैं लाइफ में एक ऐसी उम्र में हूं, जहां मैं खुद के लिए कुछ कर सकती हूं. कुछ अच्छा, अलग. और इस बात को लेकर मैं बिल्कुल भी गिल्टी महसूस नहीं करती. हां, औरतें गिल्ट में जीती हैं. पर एक उम्र में आने के बाद आप यह गिल्ट महसूस नहीं करते. बल्कि आप फ्री महसूस करते हो. तो यह भी एक तरह से अच्छा है.
कभी घर का किराया भरने को नहीं थे पैसे, शर्मिला टैगोर ने बताई काम करने की मजबूरी - Aaj Tak
Read More
No comments:
Post a Comment