तुझको रास आया आसमां होना
मैं धरती बनकर रह गई
उड़ गया तू बादल बनकर
मैं धरा पर धरी रह गई
मनभावन चितचोर हुआ तू
मैं अधूरा सा ख्वाब हुई
तू पूनम का चाँद हुआ मैं
साँझ की बेला रह गई ।
-मं शर्मा
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8 घंटे पहले
साँझ की बेला - अमर उजाला
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